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इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बैटरी सेफ्टी स्टैंडर्ड्स | IP69K तथा ASIL सेफ्टी रेटिंग्स क्या होती है

electric vehicle battery safety standards

इलेक्ट्रिक गाड़ियों में अगर सबसे इम्पोर्टेन्ट भाग की बात करें तो यह बैटरी होती है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सारी कार्य उसमे उपयोग की गई बैटरी पर निर्भर करती है। जैसे की किसी भी शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग दिल अथवा तो दिमाग होता है उसी तरह इलेक्ट्रिक गाड़ियों का सबसे महत्वपूर्ण भाग बैटरी होता है। अगर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी ख़त्म हो जाये तो वह गाड़ी किसी भी काम की नहीं रहेगी।

इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में उपयोग की जा रही बैटरी कितनी सुरक्षित है। यह बैटरी को कोण कोण से सर्टिफिकेशन का अप्रूवल मिला हुआ है। उपयोग की गयी बैटरी किस किस परिस्थितियों में सुरक्षित रहेंगी वगेरे। इसलिए यह आर्टिकल अंत तक जरूर पड़ना जिससे आप समझ सके की आपकी गाड़ी की बैटरी कितनी सुरक्षित है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बैटरी सेफ्टी स्टैंडर्ड्स (Electric Vehicle Battery Safety Standards)

किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में उपयोग की गयी बैटरी, भारत सरकार द्वारा प्रकाशित की गयी स्टैंडर्ड्स को फॉलो कर रही होती है। जिसमे EV की बैटरी से रिलेटेड बहुत सारे criteria, टेस्ट्स तथा पैरामीटर्स होते है।

यह सभी पैरामीटर्स तथा टेस्ट को पास करने के बाद ही उस बैटरी को भारत सरकार की तरफ से कोई भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में उपयोग करने की इजाजत मिलती है।

यह स्टैंडर्ड्स में EV बैटरी को विभिन्न परिस्थितियों में रखकर जाँच किया जाता है जैसे की शॉट्शर्किट टेस्ट, ओवरचार्जिंग टेस्ट, फायरप्रूफ टेस्ट, वगेरे। यह सभी जाँच पास करने के बाद उस बैटरी को कुछ ग्रेड अथवा तो सेफ्टी रेटिंग दिया जाता है जैसे की IP69K सेफ्टी रेटिंग।

यह सेफ्टी रेटिंग्स इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में उपयोग की गयी बैटरी के सेफ्टी परफॉरमेंस को दर्शाती है। की किन किन परिस्तिथियों में यह बैटरी सुरक्षित रहेगी।

यह सभी टेस्ट को हमने निचे समझाया है जो की विभिन्न परिस्तियों के हिसाब से है।

  • Electrical Test
  • Mechanical Test

और पड़े : गुजरात सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल सब्सिडी पोलिसी

इलेक्ट्रिकल टेस्ट (Electrical Test)

इलेक्ट्रिकल टेस्ट में विभिन्न प्रकारो के जाँच का समावेश होता है जिसमे फुल चरगेद इलेक्ट्रिक बैटरी पर एलेट्रिक करंट प्रसार करके बैटरी की जाँच की जाती है। सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक टेस्ट को निचे बताया गया है।

1. शॉट सर्किट टेस्ट (Shot Circuit test)

शॉट सर्किट टेस्ट में फुल चार्ज बैटरी पर रूम टेम्परेचर में एक सेकण्ड्स से भी काम समय में हाई करंट बैटरी पर दिया जाता है। और अंत में बैटरी का फिजिकल नुकशान (Physical Damage), मैकेनिकल पार्ट्स डैमेज (Mechanical Damage), बैटरी के भागो का पिघलना (Melting of Components), तथा आग लगना वगेरे देखा जाता है।

अगर बैटरी में ऊपर बताये गए नुकशान नहीं होते है तो बैटरी शॉट सर्किट टेस्ट को पास कर जाती है। और इस टेस्ट से हम कह सकते है की बैटरी में शॉट सर्किट होने की संभावना बहुत काम है।

2. ओवरचार्ज टेस्ट (Overcharge Test)

ओवरचार्ज टेस्ट (Overcharge Test) में फुल चार्ज बैटरी पर रूम तापमान में constantly 0.1(C10)A करंट वैल्यू पर 10 घंटे तक चार्ज किया जाता है। और अंत में बैटरी का फिजिकल नुकशान (Physical Damage), मैकेनिकल पार्ट्स डैमेज (Mechanical Damage), बैटरी के भागो का पिघलना (Melting of Components), तथा आग लगना वगेरे देखा जाता है।

अगर बैटरी में ऊपर बताये गए नुकशान नहीं होते है तो बैटरी ओवरचार्ज टेस्ट को पास कर जाती है।

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मैकेनिकल टेस्ट (Mechanical Test)

मैकेनिकल टेस्ट में निचे बताये गए जांचो का समावेश होता है।

  1. Vibration Test
  2. Shock Test
  3. Roll Over Test
  4. Penetration Test

1. वाइब्रेशन जाँच (Vibration Test)

वाइब्रेशन टेस्ट में फुल चार्ज बैटरी को रूम तापमान में वाइब्रेटिंग टेबल (Vibrating Table) पर रखकर 3g एक्सेलरेशन (Acceleration) के साथ दोनों एक्सिस (axis) में 30 से 150Hz की frequency के साथ 1 octave पर मिनट के sweep rate के साथ 2 घंटे तक vibrate किया जाता है।

और अंत में बैटरी का electrolyte loss, charging loss, फिजिकल, मैकेनिकल डैमेज तथा आग लगना वगेरे देखे जाते है।

2. शॉक टेस्ट (Shock Test)

शॉक टेस्ट में भी फुल चार्ज बैटरी को रूम तापमान में 10 शॉक 15 मिली सेकण्ड्स में दिए जाते है और अंत में बैटरी का electrolyte loss, charging loss, फिजिकल, मैकेनिकल डैमेज तथा आग लगना वगेरे देखे जाते है। 10% तक ही चार्जिंग लोस्स स्वीकार किया जाता है।

3. रोल ओवर टेस्ट (Roll Over Test)

रोल ओवर टेस्ट में बैटरी को सभी डायरेक्शन में एक मिनट तक घुमाया (Roll) किया जाता है और लीकेज चेक किया जाता है। अगर 25 ml से ज्यादा इलेक्ट्रोलाइट का लीकेज होते है तो बैटरी को पास नहीं किया जाता है।

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4. पेनेट्रेशन टेस्ट (Penetration Test)

पेनेट्रेशन टेस्ट में बैटरी में 3mm से 20 mm dia के इलेक्ट्रिकली इंसुलेटेड स्टील के छड़ी (rod) को 8cm/s के दर (Rate) से घुसेड़ने में आता है। स्टील रोड को इलेक्ट्रोलाइट प्लेट्स के परपेंडिकुलर घुसाया जाता है। और टेस्ट के अंत में बैटरी के भागो का पिघलना तथा आग लगना देखा जाता है।

ऊपर बताये गए सभी टेस्टो तथा अन्य टेस्ट्स को पास करने के बाद ही बैटरी को इलेक्ट्रिक गाड़ियों में उपयोग करने की इजाजत मिलती है। और इन टेस्ट के हिसाब से ही बैटरी को सेफ्टी रेटिंग्स दी जाती है।

EV बैटरी IP सेफ्टी रेटिंग्स क्या होती है?

IP का फुल फॉर्म Ingress Protection है जो की अंतररास्ट्रीय सेफ्टी रेटिंग सिस्टम है। IP सेफ्टी रेटिंग यह पर्यावरण तत्वों जैसे की ठोस (Solid) तथा तरल पदार्थ (Liquids) वगेरे से सुरक्षा का भरोसा देता है। Ingress Protection System को IP से दर्शाते है जिसके साथ दो नंबर दिए जाते है।

यह नंबर किसी भी वस्तु का पर्यावरणीय बाहरी तत्वों के सामने का रेजिस्टेंस बताता है। इस IP safety scale के दो नंबर में से पहला नंबर किसी भी वस्तु का ठोस पदार्थो को सहन करने की क्षमता को दर्शता है। वही दूसरा नंबर किसी भी वस्तु का तरल पदार्थो के सामने का रेजिस्टेंस दर्शाता है। यह दोनों नंबर जितने बड़े होंगे उतनी ही ज्यादा प्रोटेक्शन (Protection) होगी।

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IP Safety Rating Scales

First Number – Protection Against Solids

0No Protection
1Protected against solid objects greater than 50 mm.
2Protected against solid objects greater than 12 mm diameter.
3Protected against solid objects greater than 2.5mm diameter.
4Protected against solid objects greater than 1.0mm diameter.
5Dust protected.
6Dust-tight. No Ingress of dust.

Second Number – Protection Against Liquids

0No protection.
1Protected against vertically dripping water.
2Protected against dripping water when tilted up to 15°.
3Protected against spraying water at an angle of up to 60° from vertical.
4Protected against splashing water when the enclosure is tilted at any angle up to 15°.
5Protected against water jets from any direction
6Protected against heavy seas or powerful jets of water.
7Protected against the effects of short term immersion (under defined conditions of pressure and time).
8Protected against submersion (under conditions specified by the manufacturer).
9kProtected against close-range high pressure, high temperature spray downs.

IP69K Safety Rating क्या होती है?

IP69K Safety Rating यह किसी भी वस्तु की dust, high temperature तथा high water pressure को सहन करने की क्षमता को दर्शाता है। IP69K Safety Rating यह highest सेफ्टी रेटिंग है।

ASIL सेफ्टी रेटिंग्स क्या होती है?

ASIL का फुल फॉर्म होता है Automotive Safety Integrity Level. यह सेफ्टी रेटिंग एक प्रकार की रिस्क क्लासिफिकेशन है जो की ISO 26262 के तहत परिभाषित की जाती है। यह सेफ्टी रेटिंग व्हीकल में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के ख़राब होने के कारन पैदा हो रही नुकशान तथा जोखिम की अनुपस्तिथि को दर्शाता है। जैसे की की इलेक्ट्रिकल हेड लैम्प्स, रियर लाइट्स वगेरे सिस्टम ख़राब होने पर कम नुकशान तथा जान का जोखम होता है। वही एयर बैग्स, लॉकिंग सिस्टम, वगेरे ख़राब होने पर ज्यादा नुकशान तथा जान का जोखम होता है। इसी तरह के नुकशान तथा जोखिमों के रिस्क के हिसाब से ASIL सेफ्टी रेटिंग को दर्शाया जाता है।

ASIL SAFTY RATING SYSTEM

ASIL सेफ्टी रेटिंग के चार प्रकार है। ASIL -A, B, C, D. जिसमे ASIL -A ग्रेड की सेफ्टी रेटिंग सबसे लोवेस्ट नुकशान तथा जान जोखम को मैनेज करने की सेफ्टी requirements को दर्शाता है।

वही ASIL – D ग्रेड की सेफ्टी रेटिंग सबसे ज्यादा नुकशान तथा जान के जोखम को मैनेज करने की सेफ्टी requirement को दर्शाती है। इसका मतलब ASIL – D सेफ्टी रेटिंग सबसे ज्यादा रिस्क को मैनेज तथा सुरक्षित रखना दर्शाती है।

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