Electric scooter को आग लगने से कैसे बचायें | Expert Tips for Safe Electric Scooter
इस आर्टिकल में हमने Electric Scooter को आग लगने से बचने के कुछ उपायों को साझा किया है जिसका ध्यान रखकर हम ज्यादातर हमारी इलेक्ट्रिक स्कूटर को आग लगने से बचा सकते हैं।
सोशल मीडिया पर हर रोज हमे ऐसे कुछ वीडियो देखने को मिल रहे हैं, जिनमें इलेक्ट्रिक स्कूटर्स जलते दिख सकते हैं ।
पहले पुणे में एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग की खबरों ने सुर्खियां बटोरी फिर तमिलनाडु के वेल्लूर में भी एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में ब्लास्ट से बाप-बेटी ने जान गंवा दी थी । और हैदराबाद के निजामाबाद में, वारंगल में और नासिक से भी ऐसी घटनाएं सुनने को मिलीं है ।
आखिर इन vehicles में ब्लास्ट या आग लगने की घटनाएं क्यों हो रही है? आज के इस आर्टिकल में इलेक्ट्रिक स्कूटर को आग से बचाने के लिए Tips and tricks को हम बताएंगे कि जिससे आप आग से बचकर आराम से इलेक्ट्रिक स्कूटरों की सुरक्षित सवारी का आनंद उठा सके ।
Electric scooter को आग से बचाने के Tips & tricks
इलेक्ट्रिक स्कूटरों (Electric Scooters) में आग लगने से बचाने के लिए निचे बातये उपाय कर सकते हैं।
- इलेक्ट्रिक स्कूटरों को खरीदने से पहले उसके सॉकेट आउटलेट को अच्छे से चेक कर लें, सॉकेट जमीन से कम से कम 800 मिलीमीटर ऊपर हो तभी स्कूटर पूरी तरह से सुरक्षित होगी।
- स्कूटर को चलाकर लाने के तुरंत बाद उसे कभी चार्ज न करें, उस समय बैटरी के अंदर लिथियम-आयन सेल बहुत गर्म रहते हैं। इसलिए कम से कम 45 मिनट बाद ही चार्ज करना चाहिए।
- स्कूटर को पार्किंग में या बाहर कहींं कभी सीधे धूप के संपर्क में रखकर नहीं जाएं। वाहन को चलाने के बाद घर लाकर किसी खाली पड़े हवादार रूम या वैंटिलेशन वाले गैराज में ही खड़ा करें।
- इसके कोई तार खुले दिखें तो उन्हें जल्द से जल्द कवर करें, क्योंकि हरेक तार में करंट उतरता है, तो ऐसे में इसे नजरंदाज न करें।
- सर्विसिंग हमेशा गाड़ी की एजेंसी पर ही करानी चाहिए, अनट्रेंड मैकेनिक को नहीं दिखानी चाहिए, क्योंकि वे सुरक्षा उपायों की अनदेखी करते हैं और तार खुले छोड़ देते हैं, जिससे शॉर्ट सर्किट से इलेक्ट्रिक स्कूटरों में आग लग जाती है।
- बैटरी के फुल चार्ज होने पर ही इलेक्ट्रिक व्हीकल से लंबी दूरी तय करे। कम चार्ज बैटरी होने के बावजूद लगातार गाड़ी चलाकर बैटरी पर ओवरलोड न डालें, इससे बैटरी के सेपरेटर Affected होते हैं और बैटरी कंपोनेंट्स एनोड और कैथोड में गड़बड़ी से ब्लास्ट हो जाता है।
- बैटरी को कभी गीले कपड़े या सॉल्वेंट या क्लीनर से साफ करने की गलती न करें।
- अगर इलेक्ट्रिक स्कूटर को धो रहे हों तो धाेने से पहले उसमें से बैटरी जरूर निकाल लें और किसी गीले स्कूटर में बैटरी को वापस अटैच न करें, उसके ड्राइ हो जाने पर ही बैटरी को लगाएं।
- इलेक्ट्रिक स्कूटरों में लीथियम आयन बैटरी लगी होती है, बैटरी बहुत ज्यादा गर्म हो रही हो, फूल रही हो , तो इससे खतरे का संकेत समझें और उसका इस्तेमाल तत्काल बंद करके उसे जल्द बदलवाएं।
- स्कूटर में केवल मैन्युफैक्चिरिंग में साथ आई बैटरी ही use करें, उसके अलावा किसी अन्य सस्ती व लोकल बैटरी का इस्तेमाल करने से स्कूटर में आग लग सकती है।
- ऐसा ही नियम अपने स्कूटर के साथ आए चार्जर और चार्जिंग केबल के लिए रखें, उनके अलावा किसी और चार्जर और चार्जिंग केबल का इस्तेमाल न करें। जब बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जाए तो उसे उसके चार्जर से हटा दें।
- सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए जो नियम लागू किए हैं उन्हें और इन वाहनों के साथ जो सुरक्षा मैनुअल आया है, सबसे पहले उसे बहुत अच्छे से पढ़ें और उनके अनुसार ही अपने स्कूटर का use करे।
- इलेक्ट्रिक गाड़ियां तो वैसे पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की तुलना में अधिक सुरक्षित मानी जाती हैं, पर उनके रख-रखाव अच्छे से समझना जरूरी है, सही वक्त पर गाड़ी सर्विसिंग के लिए दी जाए तो आग लगने जैसे हादसों की कभी नौबत ही नहीं आएगी।
- बैटरी को चार्ज करते समय ध्यान रखें कि वाहन सूरज की रोशनी के सीधे संपर्क में या किसी बेहद गर्म जगह के पास न रखा हो। बैटरी को जहां हम चार्ज करें उस जगह का पर्याप्त हवादार होना बहुत जरूरी है. यह तो बहुत ही ध्यान रखना है कि चार्ज करने वाली जगह के पास पानी न फैला हो।
- जब बैटरी चार्ज हो रही हो तो उस समय चार्जर को बैटरी के ऊपर न रखें और अगर पोर्टेबल बैटरी है तो कभी ऐसा न करें कि इसे चार्ज पर लगा दें और सो जाएं ।
- बैटरी को पांच घंटे से ज्यादा चार्ज न करें, यानी रातभर या दिनभर बैटरी को चार्ज के लिए न लगाएं । लगातार चार्जिंग और ओवरचार्ज की वजह से सेपरेटर टूट जाते हैं और ब्लास्ट हो सकता है ।
- अगर बैटरी एकदम से डिस्चार्ज हो गई हो या उसे नुकसान हुआ है तो उसे चार्ज न करें । डैमेज सेल में ओवरहीट जनरेट हो सकती है, इससे एक सेल में पैदा हुई हीट दूसरे में पहुंच जाती है और चेन रिएक्शन शुरू हो जाता है, जिससे आग लग सकती है।
- बैटरी को कभी डीप डिस्चार्ज की या ओवर चार्ज की Situation में न जाने दें । इससे बैटरी के भीतर इलेक्ट्रिकल मिसबैलेंस पैदा होता और वह आग या ब्लास्ट का कारण बनता है ।
- कभी भी वोल्टेज प्लक्च्युएशन के दौरान या हाई-लो वोल्टेज में बैटरी चार्ज न करें, इससे सेल के सेपरेटर का कोर टेंपरेचर बिगड़ता है और वह पिघल सकता है । इससे बैटरी आयन का मूवमेंट बंद हो सकता है और वह फट सकती है ।
- सबसे जरूरी बात आपको समझना होगा कि आप एक लिथियम आयन बैटरी वाला वाहन चला रहे हैं, तो आपको लिथियम-आयन बैटरी की modus operandi को भी समझना होगा, इसके टेंपरेचर मेंटेनेंस, बैटरी सिस्टम, वेंटिलेशन, चार्जिंग आदि की चंद जरूरतों को समझकर आप इस वाहन के अच्छे दोस्त बन सकते हैं. यह एक स्मार्ट व्हीकल है तो इसे चलाने के लिए आपको भी स्मार्ट बनना होगा ।
इन टिप्स से काफी सुरक्षित रहा जा सकता है,अगर आप सारी सावधानियो का ख्याल रखते हैं, फिर भी आग लगती है तो यह आपकी गलती नहीं होगी ।
कुछ बैटरियां गलत तरह से बनाए जाने की वजह के कारण भी फटती हैं. अगर निर्माता कंपनी ने इन्हें सॉफ्टवेयर के साथ सही से सिंक नहीं किया तो भी उनकी वर्किंग गड़बड़ा सकती है, ऐसे में घटना होने पर आप कंपनी पर क्लेम कर सकते हैं ।
उम्मीद करता हूं, की इस आर्टिकल में बताएं गए नियम आपके लिए बेहतर साबित होंगे।
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