इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को चार्ज करने के लिए अभी हाल में पर्याप्त मात्रा में चार्जिंग फैसिलिटी नहीं है। जिसके कारन इलेक्ट्रिक व्हीकल से दूर जाने से पहले एक बार सोचना पड़ता है।
इलेक्ट्रिसिटी ग्रिड सीसेम ज्यादा EV प्रोडक्शन को सपोर्ट करने में असमर्थ हो सकता है। EV के Mass Production होने पर बिजली की कमी देखने को मिल सकती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की हाल में किमंत बहुत ही ज्यादा है जो की अंतः कीमत gasoline-powered vehicle के समान ही पड़ती है।
इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बैटरी को हर पांच से दस (5 to 10) सालों में बदलवाते रहना बढ़ता है। जिसकी कॉस्ट ही काफी ज्यादा हो जाती है।
अंतिम बात पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अभी भी चार्ज होने में बहुत ज्यादा समय लगता है।