गाड़ी में इंजन कैपेसिटी (CC), टॉर्क, BHP, RPM क्या होता है।
हम कोई बाइक अथवा तो कार खरीदने जाते है तब हमे विविध प्रकार की कार तथा बाइक के variyant दिखाए जाते है। जिसमें सिर्फ गाड़ी की कपैसिटी यानी की इंजन कपैसिटी (CC), टॉर्क, BHP, तथा RPM और थोड़ा बहुत लुक में फर्क होता है। ऐसे में हम कंफ्यूज हो जाते है की कोनसा variyant ले उस प्राइस सेगमेंट मे।
आज के आर्टिकल में गाड़ी के बेसिक्स टर्म जैसे कि CC, टॉर्क, BHP, और RPM क्या होता है इसके बारे में जानेंगे।
इंजन कपैसिटी (CC) क्या होता है?
हम जब भी कोई भी बाइक अथवा तो कार खरीदते है तब हमे गाड़ी बेचने वाला डीलर एक फीचर के बारे में बताता है। CC, की यह बाइक 1000cc की है अथवा तो यह कार 2000cc की है। परंतु CC का मतलब क्या होता है। CC का ज्यादा होना अच्छा होता है या बुरा यही पता नही होता है। तो चलिए समझते है।
सिंपली, CC का मतलब क्यूबिक सेंटीमीटर (cubic centimetre) होता हैं। यानी की यह वॉल्यूम बताता है। यह इंजिन की वॉल्यूम या तो कैपेसिटी को दर्शाता है।
1CC = 1cm3
कोई भी गाड़ी में जहा पिस्टन घूमता है उस जगह (area) को इंजिन की कैपेसिटी कहते है।
इइंजन कैपेसिटी क्या होता है?
जितना ज्यादा इंजन की कपैसिटी होगी यानी की इंजन का वॉल्यूम ज्यादा होगा उतना ज्यादा पिस्टन घूमेगा और ज्यादा पावर तथा टॉर्क पैदा करेगा।
जितना ज्यादा इंजन की कपैसिटी होती है उतना ज्यादा CC होता है। इंजन की कपैसिटी को अगर लीटर में समझे तो 1000cc का मतलब 1लीटर की कैपेसिटी का इंजन है
1000cc = 1cm3 = 1Ltr
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इंजन में टॉर्क क्या होता है?
टॉर्क यह एक प्रकार का फोर्स है। जिसे हम ट्विस्टिंग मोमेंट या तो सरल भाषा में समझे तो मरोड़ भी कह सकते हैं अथवा तो घुमाना भी कह सकते हैं।
जैसे कि उदाहरण के तौर पर समझे तो अगर आप एक रोटी बना रहे हो तब आप रोटी को बनाने के लिए रोटी पर बेलन घुमाते हो इस बेलन को घुमाने को हम टॉर्क कह सकते हैं।
जितना ज्यादा बैलन को टॉर्क करोगे उतना तेजी से बैलन घूमता है और रोटी तेजी से बनती है।
इसी तरह गाड़ियों में अभी जितना ज्यादा टॉर्च होता है उतना ही तेजी से गाड़ी स्पीड पकड़ती है उतना एक्सीलरेशन ज्यादा मिलता है गाड़ी की पिक अप स्पीड ज्यादा रहती है।
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BHP क्या होता है?
BHP यानी कि ब्रेक हॉर्स पावर (Break Horse Power) जो की गाड़ी के इंजन की शक्ति को दर्शाता है HP अथवा तो BHP का मतलब हमें इस के नाम से ही पता चल जाता है मतलब कि अगर इंजन 4HP का है तो ऐसा कह सकते हैं कि इंजन में 4 स्वस्थ घोड़े जितनी शक्ति है।
गाड़ी के एक्सप्रेस acceleration तथा शुरुआती गति के लिए torque जवाबदार है वही इस टॉर्क को पैदा करने के लिए तथा एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचने के लिए शक्ति की जरूरत पड़ती है जो कि इंजन में जले ईंधन के द्वारा पैदा होती है इस शक्ति को हम एचपी तथा बीएचपी के तौर पर दर्शाते हैं
चलिए पीछे बताएं उदाहरण पर चलते हैं और HP के बारे में समझते हैं
जिस तरह रोटी बनाने के लिए बेलन के घूमने टॉर्क कहते हैं उसी तरह टॉर्क को तेज तथा निश्चित समय में ज्यादा रोटी उत्पन्न करने के लिए आपके द्वारा दिए गए बल को HP (horse power) कहते हैं।
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BHP और Torque में क्या अंतर होता है?
बीएचपी और टॉर्क के बीच में क्या अंतर है उसे समझने के लिए चलीये एक उदाहरण को देखते हैं
आपने किसी भी वस्तु को घुमाया तो उसे हम टॉर्क कह सकते हैं तथा उस उस वस्तु को घुमाने के लिए जो बल लगा उसे पावर कह सकते है।
इसी उदाहरण को दूसरे नजरिए से देखें तो,
इस बार आपने कोई भी वस्तु को घुमाया नहीं यानी कि तक नहीं दिया परंतु उससे एक जगह से दूसरी जगह तक खिसका दिया जिसमें सिर्फ हमें पावर की जरूरत पड़ी।
मतलब सिंपल है टॉर्क सिर्फ किसी भी वस्तु को accelerate तथा श्लोक करने के लिए उपयोग होता है वही पावर की जरूर एक जगह से दूसरे जगह निश्चित समय में पहुंचने के लिए जरूर पड़ती है
इसलिए SUV जैसे स्पेशल कार की यूनिट में ज्यादा टॉर्क देखने को मिलती है जिससे यह बहुत जल्दी अपने आप को एक्सिलरेट कर लेती है, पिकअप स्पीड बहुत अच्छी होती है।
वही हेवी व्हीकल्स में हमें ज्यादा पावर देखने को मिलता है जिससे वह ज्यादा भार वहन करके कम समय में ज्यादा दूरी तय कर सकते हैं।
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RPM क्या होता है?
RPM का मतलब होता है रोटेशन पर मिनट (Rotation per Minute), गाड़ी के इंजन में रहे पिस्टन 1 मिनट में जितनी बार घूमता है उसे हम RPM के तौर पर दर्शाते हैं। अगर गाड़ी में आरपीएम ज्यादा रहा इसका मतलब गाड़ी के इंजन में पिस्टन 1 मिनट में ज्यादा बार घूम रहा है जिससे ज्यादा पावर पैदा होती है।
तो यह था छोटा सा आर्टिकल गाड़ी के बेसिक नॉलेज से रिलेटेड, अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया तो अपने फ्रेंड्स के साथ जरूर शेयर करे। और इसी तरह के आर्टिकल के बारे में और जानने के लिए हमे फॉलो करे।
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क्रूज कण्ट्रोल (Cruise Control) क्या होता है?
क्रूज कण्ट्रोल (Cruise Control) यह एक प्रकार से स्पीड कण्ट्रोल डिवाइस (Speed Control Device) होता है। जो की व्हीकल की मोटर में लगा होता है। जिसे चालू करने पर गाडी की स्पीड को बिना एक्सेलरेटर दबाये मेन्टेन किया जा सकता है।
क्रूज कण्ट्रोल (Cruise Control) अक्शर जब लॉन्ग ड्राइव पर जा रहे तब ज्यादा काम आते है। उस समय आपको अपने गाड़ी की स्पीड को बढ़ाये रखने के लिए एक्सेलरेटर दबाये रखने की जगह क्रूज कण्ट्रोल (Cruise Control) बटन दबाके आप अपनी गाडी की हाल की स्पीड पर गाड़ी को चला सकते है। और वह भी बिना एक्सेलरेटर (Accelerator) दबाये। जिससे आपका सफर और आरामदायक बनता है।
तथा आप के सफर में अगर कोई अड़चन आती है तो आप बिना संकोच ब्रेक दबा सकते है जिसके बाद गाड़ी स्लो होने के बाद ऑटोमेटिकली धीरे धीरे स्पीड पकड़ लेगी।
क्या आप जानते है ? :